“नादिरा ज़हीर बब्बर के नाटकों में अभिव्यक्त में सामाजिक यथार्थ :
Abstract
वह कल्पना से दूर रहकर सत्य का अन्वेक्षक, पक्षधर एवं प्रचारक बनकर सामाजिक जटिलताओं तथा सामाजिक अड़चन से मुक्ति का मार्ग प्रश्स्त करके समस्त मानव जाति को एकसूत्र में बाँधने का प्रयास करता है। वास्तव में वह अपने साहित्य में जीवन की स्पन्दनों की अभिव्यक्ति करता है।ऐसा एक महान हस्ती हैं नादिरा ज़हीर बब्बरजी। आपका सारा साहित्य सामाजिक यथार्थ का आईना है।“जी जैसी आपकी मर्ज़ी, सुमन और सना, सकुबाई, दयाशंकर की डायरी,ऑपरेशन क्लाउडबसर्ट”
Published
2000
Issue
Section
Articles