राममनोहर लोहिया का अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर अनुचिंतन एवं दृष्टिकोण

Authors

  • -डाॅ. किरण मदान Author

DOI:

https://doi.org/10.7813/xmn4kc90

Abstract


राममनोहर लोहिया जी का चिंतन बहुत व्यापक रहा है। सभ्यता और संस्कृति के उन्न्ायन के साथ मानवीय व्यावहारों के आकार एवं क्षेत्र के गहरी एवं विस्तृत वृद्धि होती गई है। फलतः मानवीय व्यवहार एवं हित का एक देश एवं राज्य की सीमाओं से भी अग्रसर होकर वर्तमान समय में सम्पूर्ण तक विस्तारित हो गया है। लोहिया जी की सोच थी कि- “एक ऐसी विश्व-सरकार की स्थापना की जानी चाहिए जो अपने कार्य को शांति और सुरक्षा तथा विश्व सरकार ही हथियार बन्दी करके युद्ध को रोक सकेगी और शांति स्थापित कर सकेगी।

Published

2000

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Articles